मित्रों आज के लेख के अंतर्गत हम कारक और कारक के प्रकार के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेगे |
Table of Contents
🔆कारक(CASE)
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के किसी दूसरे शब्द के साथ सूचित होता है ,उसे कारक कहते हैं।
या
सरल शब्दों मे यह कह सकते हैं की क्रिया को करने वाला ही शब्द कारक कहलाता है।
या
जब क्रिया को करने में कोई न कोई अपनी भूमिका निभाता है ,तो उसे कारक कहते हैं।
EXAMPLE-
👉राजू पत्र लिखता है।
👉राम ने रावण को मारा।
👉प्रदीप ने गाना गाया।
🔆कारक के भेद
कारक के आठ भेद होते हैं।
👉कर्ता कारक
👉कर्मकारक
👉करण कारक
👉संप्रदान कारक
👉अपादान कारक
👉संबंध कारक
👉अधिकरण कारक
👉संबोधन कारक
🔆कर्ता कारक(NOMINATIVE CASE)
जो वाक्य में कार्य करता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं।
👉सुनील ने किताब पढ़ा।
ऊपर दिए गए वाक्य में पढ़ने का काम सुनील द्वारा किया जा रहा है। अतः सुनील कर्ता कारक बन जाएगा।
कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है।
EXAMPLE-
👉रमेश ने क्रिकेट खेला।
👉अमित ने पूरी किताब पढ़ ली।
👉रमेश ने किताब खरीदा।
🔆कर्म कारक(ACCUSATIVE CASE)
जिस वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया के होने का फल होता है, उसे कर्म कारक कहते है।
👉सीता ने गीता को बुलाया।
दिए गए वाक्य में क्रिया (बुलाने) का असर गीता पर हो रहा है, इसीलिए गीता कर्म कारक है|
कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह ‘को’ है।
EXAMPLE-
👉मास्टर जी ने सुनील को पढ़ाया।
👉राम ने रावण को मारा।
👉मनोज ने कुत्ते को पानी पिलाया |
🔆करण कारक(INSTRUMENTAL CASE)
कर्ता जिस साधन से क्रिया को करता है ,उसे करण कारक कहते है |
👉राम ने बाली को बाण से मारा।
ऊपर दिए गए वाक्य में मारने का साधन बाण है, इसीलिए यह करण कारक है।
करण कारक का विभक्ति चिन्ह‘ से’ होता है।
EXAMPLE-
👉लोगों ने डंडे से सांप को मारा।
👉मदन ने सारा काम बच्चों से करवाया।
👉अंजली पेन से लिखती है |
🔆संप्रदान कारक(DATIVE CASE)
संप्रदान का अर्थ होता है देना।
जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए, तो वहां पर संप्रदान कारक होता है।
👉मदन के लिए फल लाओ|
ऊपर दिए गए वाक्य में फल लाने का कार्य जिसके लिए हो रहा है , वह मदन हैं |इसीलिए यह संप्रदान कारक है।
संप्रदान कारक का विभक्ति चिन्ह ‘के लिए’,को ,होता है|
👉भूखे के लिए रोटी लाओ।
👉विकास को किताब दे दो।
👉बच्चे को गेंद लाओ |
🔆अपादान कारक(ABLATIVE CASE)
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के अलग होने का बोध होता है ,उसे अपादान कारक कहते है।
अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह “से” है।
यहां से का अर्थ होता है किन्हीं दो वस्तु या चीजों का अलग होना।
👉पेड़ से आम का फल नीचे गिर गया।
ऊपर दिए गए वाक्य से यह पता चल रहा है की आम का फल पेड़ से अलग हो रहा है। अर्थात यह अपादान कारक है।
EXAMPLE-
👉संजू कमरे से बाहर निकला।
👉पेड़ से पत्ता टूट कर नीचे गिर गया।
👉उसके हाथ से घड़ी गिर गई।

🔆संबंध कारक(GENITIVE CASE)
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ संबंध का बोध होता है, उसे संबंध कारक कहते हैं।
👉यह समीर का घर है।
ऊपर दिए गए वाक्य में समीर और घर के बीच में संबंध का भाव प्रकट हो रहा है। अर्थात घर समीर का है ,ऐसा प्रतीत हो रहा है। इसीलिए यह संबंध कारक है।
EXAMPLE-
👉यह मनोज की किताब है।
👉राजा दशरथ के 4 बेटे थे।
👉मैंने अपनी पुस्तक लिखी |
संबंध कारक का विभक्ति चिन्ह का,के, की, रा, रे ,री, ना, ने, नो है |
🔆अधिकरण कारक(LOCATIVE CASE)
संज्ञा के जिस रुप से क्रिया के आधार या स्थान का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
👉मेज पर पुस्तक रखी है।
ऊपर दिए गए वाक्य में मेज पर यह शब्द क्रिया का स्थान सूचित करता है। अतः यह अधिकरण कारक है।
अधिकरण कारक का विभक्ति चिन्ह मे , पर, है।
EXAMPLE-
👉दिल्ली में बहुत अच्छे लोग रहते हैं।
👉महल में दीपक जल रहा है।
🔆संबोधन कारक(VOCATIVE CASE)
जिस शब्द से किसी को पुकारने का बोध होता है, उसे संबोधन कारक कहते है।
👉हे भगवान! पता नहीं, आतंकवाद का सिलसिला कब खत्म होगा?
ऊपर के दिए गए वाक्य में किसी को पुकारने का भाव प्रकट हो रहा है ,अतः ये संबोधन कारक है।
संबोधन कारक का विभक्ति चिन्ह हे, अरे, ओह, आह, अजी है |
EXAMPLE-
👉हे प्रभु! उसके ऊपर कृपा करना।
👉अरे! तुम इतनी जल्दी कैसे आए।
👉अजी ! जरा सब्जी लाना |
REMEMBER–
कारक | विभक्तियाँ |
कर्ता कारक | ने |
कर्म कारक | को |
करण कारक | से ,द्वारा |
संप्रदान कारक | को ,के लिए ,हेतु ,निर्मित ,वास्ते |
अपादान कारक | से |
संबंध कारक | का ,के की,रा ,रे ,री ,ना ,ने ,नी |
अधिकरण कारक | मे ,भीतर ,पर |
संबोधन कारक | हे ! हो !अजी अरे !ओह ! आह !ए ! |
निष्कर्ष
तो मित्रों इस प्रकार आज के लेख के अंतर्गत हमने कारक और कारक के प्रकार के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है |