इस लेख मे हम सीखेगे की निबंध लेखन हिन्दी मे किस प्रकार करते है |
निबंध लेखन हिन्दी मे
निबंध आत्मप्रकाशन के प्रयत्न का बोध कराता है। निबंधकार अपने विचारों,भावों, कल्पनाओं तथा अनुभवों को प्रकट करने का प्रयास करता है। निबंध लेखनवास्तव में एक शैली है। अपनी शैली में सुसूत्र, परिच्छेदों, अनुच्छेदों में निबंध का लेखन किया जाता है। उसमें आवश्यकतानुसार मुहावरों, कहावतों तथा अलंकार का प्रस्तुतीकरण होता है, जिससे निबंध अधिक रोचक बन जाता है।
(अ) निबंध के प्रकार
(१) वर्णनात्मक निबंध : इस प्रकार के निबंध में सजीव एवं निर्जीव का वर्णन किया जाता है। किसी प्राणी, मनुष्य, स्थान, वस्तु, तथा प्राकृतिक एवं अन्य दृश्यों का चित्रण किया जाता है।
(२) कथानात्मक निबंध इस प्रकार के निबंध में किसी घटना, कहानी, जीवनचरित्र आदि का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। उसमें कथा का मूल अंश
अवश्य विमान रहता है।
(३) आत्मकथा – आत्मचरित्र – आत्मकहानी: निबंध सब एक ही रूप में होते हैं। इस प्रकार के निबंध प्राणी, वस्तु का कथानात्मक विवरण कल्पनात्मक ढंग से किया जाता है। उसमें उत्तम पुरुष के कथनों का विवरण होता है। छात्रों को इस प्रकार के निबंधों को इस प्रकार लिखें, जैसे वह वस्तु या प्राणी स्वयं बोल रहा है। इस प्रकार के निबंध में जन्म, बचपन, जवानी, बुढ़ापा आदि अवस्थाओं के सुख-दुःख का वर्णन रहता है। कुछ विषय ऐसे होते हैं जिसमें केवल जन्म से लेकर उस समय तक की दयनीय अवस्था का वर्णन होता है।
जैसे – बूढ़ा कुत्ता, मुरझाया फूल, फटी पुस्तक, भवन (इमारत) आदि।
(४) कल्पनात्मक निबंध : इस प्रकार के निबंध कल्पना प्रधान होते हैं। यदि, अगर से आरंभ करके होता, होती, होते, अर्थात ‘यदि मैं प्रधानमंत्री होता’, ‘अगर मैं डॉक्टर होता’ विषय होते हैं। इस प्रकार के निबंध में हेतु-हेतुमद, भूतकाल, होता, होती, होते या भविष्यकाल की क्रिया का प्रयोग करते हैं।
(५) विचारात्मक निबंध इस प्रकार के निबंध में विचार, भाव, बुद्धि एवं गंभीर चिंतन का विशेष महत्त्व होता है। इसमें आलोचनात्मक, समालोचनात्मक, तार्किक विवेचना समाविष्ट रहते है। अपनी शैली के अनुसार उसके लाभ-हानि, गुण-दोष, लक्ष्य आदि का अनुसंधान प्रस्तुत किया जाता है। जैसे राष्ट्रभाषा की समस्या, माँ की ममता, विज्ञान एक वरदान या शाप, आरक्षण पद्धति प्रगतिबाधक हे, आदि ।
(ब) निबंध के अवयव
(१) प्रस्तावना, भूमिका या प्रारंभ संक्षिप्त होना चाहिए। विषय का सटीक प्रारंभ
भी हो सकता है।
(२) मध्यभाग – विषय-विस्तार, विवेचन, वर्णन |
(३) अंत या उपसंहार विषय का सारांश, निष्कर्ष, अपना मत या विषय का
विशेष महत्त्व प्रस्तुत करना चाहिए।
(स) निबंध लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें
(१) निबंध के विषय को तथा उसके प्रकार को समझ लेना चाहिए।
(२) २०-२५ पंक्तियों का निबंध होना चाहिए।
(३) निबंध अनुच्छेदों में लिखना चाहिए।
(४) निबंध का प्रारंभ आकर्षक एवं प्रभावशाली होना चाहिए।
(५) भाषा, शैली, वर्तनी का ध्यान रखते हुए शुद्ध, सुंदर, सुवाच्य निबंध होना
चाहिए।
(६) मुद्दों को दुहराना नहीं चाहिए बल्कि विस्तारित रूप होना चाहिए।
(७) मुहावरों, कहावतों, सुविचारों या किसी की परिभाषा भी लिखी जा सकती है।
(८) आत्मकथा में उत्तम पुरुष ‘मैं’ का प्रयोग होना चाहिए।
(९) अंत आकर्षक, स्पष्ट एवं संक्षेप में होना चाहिए।
(१०) निबंध को रूपरेखा के अनुसार पूर्ण करना चाहिए।
निष्कर्ष :साथियों इस प्रकार आज हमने इस लेख के माध्यम से हमने निबंध के प्रकार ,निबंध के अवयव ,निबंध लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त की |
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