KRISHNA JANMASHTAMI 2022 | कृष्ण जन्माष्टमी 2022,पूजा का शुभ समय ,कथा,भोग ,आरती

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कृष्ण जन्माष्टमी 2022

KRISHNA JANMASHTAMI 2022 कृष्ण जन्माष्टमी 2022,पूजा का शुभ समय ,कथा,भोग ,आरती

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 18 अगस्त को कृष्ण का जन्म जन्माष्टमी(KRISHNA JANMASHTAMI ) के रूप में मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे भारत देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी 18 अगस्त को गुरुवार रात 9:21 मिनट से शुरू होगी तथा शुक्रवार को रात 10:59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही विशेष दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं तथा कथा का लाभ उठाते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी कथा (KRISHNA JANMASHTAMI )

पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस ने एक बार अपने पिता उग्रसेन को जेल में बंद कर स्वयं को  मथुरा का राजा घोषित कर दिया। कंस की एक बहन थी जिसका नाम देवकी था, जिससे कंस अत्यधिक स्नेह करता था। उसने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से कराया। परंतु जब वह बहन देवकी की विदाई कर रहा था तभी उस समय एक आकाशवाणी हुई जिसमें यह कहा गया की देवकी का आठवां पुत्र कंस की मृत्यु का कारण बनेगा। यह सुनकर  कंस बहुत ही डर गया, और उसने देवकी और वासुदेव को जेल में बंद कर दिया। पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस ने देवकी के कुल 7 संतानों का वध कर दिया परंतु वह आठवीं संतान को मारने में असफल रहा। यही आठवीं संतान आगे चलकर कृष्ण के रूप में जानी गई। भगवान कृष्ण का लालन-पालन नंद गांव में नंद और यशोदा के यहां हुआ। बड़ा  होने पर उन्होंने मथुरा को कंस के अत्याचार से बचाया। तथा अपने नाना उग्रसेन को वापस मथुरा की गद्दी पर विराजमान करवा दिया।

कृष्ण जन्माष्टमी भोग (KRISHNA JANMASHTAMI )

पंचामृत

इस दिन पंचामृत से भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक किया जाता है और प्रसाद के रूप में बांटा भी जाता है। पंचामृत के बिना कृष्ण भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती।

आटे की पंजीरी

ऐसी मान्यता है कि भगवान  कृष्ण को आटे की पंजीरी बहुत ही पसंद है। इसीलिए भगवान कृष्ण को आटे की पंजीरी भोग के रूप में चढ़ाई जाती है।

मक्खन और मिश्री

भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री बहुत ही पसंद है|इसलिए जन्माष्टमी की दिन मांखन और मिश्री का भोग भगवान कृष्ण को जरूर चढ़ाना चाहिए।

कृष्ण जन्माष्टमी 2022
KRISHNA JANMASHTAMI

मखाने की खीर

मखाने की खीर भी भगवान कृष्ण को भोग के रूप में चढ़ाई जाती है|मखाने की खीर भगवान कृष्ण का एक प्रिय भोग है।

धनिया की पंजीरी

धनिया की पंजीरी का भोग लगाना भी इस दिन शुभ माना जाता है। इसके लिए धनिया पाउडर में काजू, बादाम ,मिश्री और घी को मिलाकर मिक्स कर ले और कान्हा को भोग लगाएं।

 कृष्णभागवान की आरती

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।

गले में वैजयंती माला ,बजावे मुरली मधुर बाला ।

श्रवण में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला ।।

नैनन बीच ,बसई उर बीच ,सुरतिया रूप ऊजारी की ।।

आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।।

कृष्ण जन्माष्टमी कब हैं ?

18 अगस्त को

दही हांडी का त्योहार कब हैं ?

19 अगस्त को

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ समय कब हैं ?

18 अगस्त को गुरुवार रात 9:21 मिनट से शुरू होगी तथा शुक्रवार को रात 10:59 मिनट पर समाप्त होगी

कृष्ण भगवान को कौन सा भोग लगाया जाता है ?

मखाने की खीर ,धनिया की पंजीरी,मक्खन और मिश्री,पंचामृत ,आटे की पंजीरी

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