आज के इस आर्टिकल के माध्यम से समास(SAMAS) किसे कहते हैं ,समास के कितने के प्रकार होते है इत्यादि के बारें मे जानकारी प्राप्त करने वाले है | पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए मेरे साथ इस आर्टिकल मे अंत तक बने रहे |
Table of Contents
समास (SAMAS)किसे कहते हैं
दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर जब एक पद बना दिया जाता है, तब उस मेल या योग को समास कहते हैं।दूसरे शब्दों में समास का अर्थ होता है संक्षिप्तीकरण अर्थात संक्षिप्त शब्द बनाना। उदाहरण के तौर पर-
राजा का पुत्र इसे राजपुत्र भी कह सकते हैं। ऐसा कहने पर शब्द संक्षिप्त हो गया।दूसरे शब्दों में यह भी कर सकते हैं कि जहां कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ प्रकट हो ऐसे शब्द को समास कहते हैं|
समास(SAMAS ) रचना में पूर्व पद और उत्तर पद
समास रचना में 2 पद होते हैं पहले पद को पूर्व पद तथा दूसरे पद को उत्तर पद कहते हैं| पूर्व पद और उत्तर पद को मिलाने से जो नए शब्द बनता है उसे समस्त पद (सामासिक पद )कहा जाता है। उदाहरण –
जन्म से रोगी….. जन्मरोगी
मां और बाप……… मां – बाप
सामासिक विग्रह
सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास विग्रह कहलाता है। जैसी सीता और राम यह यह सीताराम सामासिक पद का विग्रह हैं |
उदाहरण –
माता पिता —— माता और पिता
घुड़सवार —– घोड़े पर सवार
नीलकंठ——- नीला है कंठ जिसका
चतुर्मुख ——चार मुखों का समूह
लंबोदर —–लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश जी
समास (SAMAS)के प्रकार
तत्पुरुष समास
जिस समास का अंतिम खंड या दूसरा पद प्रधान होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। तत्पुरुष समास में कारकों की विभक्तियां लुप्त हो जाती है। इस समास में आने वाली कारक विभक्तियां-
को , से, के, लिए, का , के, की, में, पर इत्यादि का लोप होता है।
उदाहरण
राजभवन ——राजा का भवन
ऊपर के दिए गए वाक्य में भवन दूसरा पद होने के साथ प्रधान पद भी है।
कुछ अन्य उदाहरण –
सामासिक शब्द | विग्रह |
रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
जन्मरोगी | जन्म से रोगी |
गंगाजल | गंगा का जल |
दानवीर | दान मे वीर |
यशप्राप्त | यश को प्राप्त |
मूर्तिकार | मूर्ति को बनानेवाला |
चिड़ियाघर | चिड़िया का घर |
ऊर्जाहीन | ऊर्जा से हीन |
कर्मधारय समास
वह समास जिसका पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य हो अथवा पहला पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय होता है ,उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
कर्मधारय समास का विग्रह होने पर दोनों पदों के बीच में” है जो “या “के समान” आते है।
उदाहरण-
चंद्रमुख —–चंद्र जैसा मुख
कुछ अन्य उदाहरण –
सामासिक शब्द | विग्रह |
नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका |
चरण -कमल | कमल के समान चरण |
महात्मा | महान हो जिसकी आत्मा |
पीताम्बर | पीत है जो अम्बर |
महादेव | महान है जो देव |
घनश्याम | घन के समान श्याम |
कमल -नयन | कमल के समान नयन |
महाराजा | महान है जो राजा |
द्विगु समास
जिस समास का पहला पद संख्यावाचक हो तथा समस्त पद समूह का अर्थ देता है, तो उसे द्विगु समास कहते है ।
उदाहरण –
त्रिलोक —-तीन लोको का समूह
कुछ अन्य उदाहरण –
सामासिक शब्द | विग्रह |
दोपहर | दूसरा पहर |
चौराहा | चार राहों का समूह |
चौमासा | चार मासों का समूह |
पंचवटी | पाँच वाटों का समूह |
शताब्दी | सौ वर्षों का समूह |
सप्तसरिता | सात सरिताओं का समूह |
तिरंगा | तीन रंगों का समूह |
त्रिफला | तीन फलों का समूह |
द्वंद्व समास
जिस सामासिक पद के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और‘, ‘तथा‘, ‘या आदि योजक शब्द लगते हैं , उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
उदाहरण –
भला -बुरा ——-भला और बुरा
सुख दुख ——–सुख और दुख
कुछ अन्य उदाहरण –
सामासिक शब्द | विग्रह |
नर -नारी | नर और नारी |
माता -पिता | माता और पिता |
पाप -पुण्य | पाप और पुण्य |
धूप -छाँव | धूप और छाँव |
राजा – रंक | राजा और रंक |
छोटा -बड़ा | छोटा और बड़ा |
रात -दिन | रात और दिन |
देश -विदेश | देश और विदेश |
बहुव्रीहि समास
जिस समास के समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं ,वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।
लंबोदर ——लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश जी
नीलकंठ ——नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव जी
सामासिक शब्द | विग्रह |
महादेव | देवों के देव अर्थात शिव |
चतुर्भुज | चार है भुजाये जिसकी अर्थात विष्णु |
गजानन | गज है आनन जिसका अर्थात गणेश |
दशानन | दश है आनन जिसके अर्थात रावण |
पीताम्बर | पीले है वस्त्र जिसके अर्थात श्री कृष्ण |
विषधर | विष को धरण करने वाला अर्थात सांप |
कमलनयनी | कमाल के समान नयन |
चक्रपाणि | चक्र है हाथ मे जिसके अर्थात विष्णु |
अव्ययीभाव समास
जिस समास(SAMAS ) में पहला पद अव्यय हो और उसी के अर्थ की प्रधानता हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जिन शब्दों पर लिंग, कारक और काल इत्यादि का कोई प्रभाव न हो अर्थात जो अपरिवर्तित रहे ऐसे शब्दों को अव्यय कहते हैं।
इस समास के पहले पद में अनु, प्रति,आ,यथा, भर,हर आता है।
उदाहरण –
आजीवन —–जीवनभर
भरपेट ——-पेट भर कर
कुछ अन्य उदाहरण –
सामासिक शब्द | विग्रह |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
आमरण | मरण तक |
यथासंभव | जितना संभव हो |
निडर | बिना डरे |
आजन्म | जन्म से लेकर |
यथामति | मती के अनुसार |
घर -घर | प्रत्येक घर |
बेखटके | बिना खटके |
निष्कर्ष
तो इस प्रकार आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने समास किसे कहते ,समास के कितने प्रकार होते है इत्यादि के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त की |