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World Literacy Day ,विश्व साक्षरता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है,साक्षरता क्या होती है,विश्व साक्षरता दिवस 2022 की थीम,साक्षरता दिवस का इतिहास,भारत में साक्षरता का आंकड़ा
यदि किसी देश में अत्यधिक पढ़े लिखे लोग है तो इसका अर्थ होता है कि वह देश पूरी तरह से खुशहाल देश है। देश का विकास शिक्षा पर ही निर्भर होता है। कोई भी देश शिक्षा के बलबूते ही विकसित हो सकता है। आज हम इस लेख के अंतर्गत साक्षरता को ध्यान में रखते हुए यह जानने की कोशिश करेंगे कि हर वर्ष विश्व साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है? साक्षरता क्या होती है? विश्व साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है ?और इसका इतिहास क्या है? तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि विश्व साक्षरता दिवस क्या होता है|
विश्व साक्षरता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?(Why World Literacy Day Celebrated )
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश का विकास साक्षर व्यक्तियों के ऊपर ही निर्भर होता है। यदि किसी देश में साक्षरता ज्यादा है तो वह देश सुदृढ़ और संपन्न माना जाता है। लोग ज्यादा से ज्यादा साक्षर हो, लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना, इसी उद्देश्य से हर साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया के लोग इस दिन को मनाने आगे आते हैं और अपने अपने स्तर पर कई कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। भारत में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है।
साक्षरता क्या होती है?(What is Literacy)
साक्षर शब्द का अर्थ होता है शिक्षित होना। साक्षर शब्द से ही साक्षर ता बना है। हर देश, हर समाज, हर गांव, हर समुदाय तक लोगों को शिक्षित बनाना इस दिन को मनाने का उद्देश्य है। किसी भी देश में जितने ज्यादा लोग साक्षर होंगे या शिक्षा को ग्रहण करेगे वह देश दिन पर दिन उतना ही विकास करेगा।
विश्व साक्षरता दिवस 2022 की थीम( World Literacy Day 2022 theme)
साक्षरता दिवस 2022 की थीम है ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस (transforming literacy learning spaces)।हर साल की theme अलग अलग थी होती है। हर वर्ष थीम तय करने के बाद ही इस दिन को मनाया जाता है ताकि उसी देश में आगे बढ़ा जा सके। पिछले वर्ष साक्षरता दिवस 2021 थीम मानव केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता :डिजिटल विभाजन को कम करना थीम था।

साक्षरता दिवस का इतिहास(History Of World Literacy Day)
पहली बार सन 1965 में 7 नवंबर को विश्व साक्षरता दिवस यूनेस्को द्वारा मनाया गया। इसके बाद 8 सितंबर 1966 को दुनिया ने पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया। इस अभियान में दुनिया के कई देश जुड़े और जन जन तक शिक्षा पहुंचाने का संकल्प किया।
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विश्व साक्षरता दिवस का महत्व(Importance Of World Literacy Day)
लोगों को साक्षर बनाना, सामाजिक और अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। गरीबी उन्मूलन, जनसंख्या को नियंत्रित करना, बाल मृत्यु दर को कम करना जैसी चीजें सिर्फ साक्षर व्यक्ति द्वारा ही संपादित की जा सकती है।
भारत में साक्षरता का आंकड़ा
अगर हम पूरे विश्व की बात करें तो करीबन 84% आबादी साक्षर हो चुकी है। और यदि हम भारत की बात करें तो भारत में साक्षरता 74.4 में हो चुकी है|इसमें 82. 37% पुरुष और 65.79% महिलाएं साक्षर है|भारत में सबसे ज्यादा साक्षरता केरल राज्य में पाई गई है। बिहार में साक्षरता सबसे कम है। भारत में दिन पर दिन शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
अंतिम शब्द
साक्षरता किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पूंजी है। एक उच्च साक्षरता दर यह बताने के लिए काफी है कि वह देश कितना काबिल है। साक्षर व्यक्ति किसी भी परिस्थिति का सामना डटकर कर सकता है। देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में साक्षर व्यक्ति की भूमिका अहम मानी जाती है। इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि देश में साक्षरता बढ़ाने के लिए सभी को मिलजुल कर काम करना चाहिए।
विश्व साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है
8 सितंबर
विश्व साक्षरता दिवस 2022 की थीम( World Literacy Day 2022 theme)
ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस (transforming literacy learning spaces)